#4 Everyday speacial । अकेलापन । The inspiring Blog series Skumarindia1 written by Sudhanshu Kumar sah

#4 Everyday speacial


#4 Everyday speacial। अकेलापन। The inspiring Blog series


 क्या कहें जनाब कि अकेलापन क्यों इतना भाता है,

खुद से बातों में अक्सर यू ही वक्त गुज़र जाता है।

खुशियों को बाँटता हुआ एक मेला हूँ मैं,

सच कहूँ तो अपनों में भी बहुत अकेला हूँ मैं

अब इस भीड़ में जीना दुश्वार सा लगता है,

अकेलापन ही अब जैसे संसार सा लगता है,

औरों से मिली मोहब्बत में वो मज़ा कहां जनाब,

अब तो ख़ुद में ही खो जाना ही प्यार सा लगता है।

मेरे अकेलेपन ने भी क्या खूब साथ निभाया इस ज़िन्दगी में,

कि अब तो आलम ये है कि हम दीवारों से भी बातें करते हैं।

लिखने का कोई शौक नहीं मुझे,

बस खुद को यु उलझाए रखा है इसमें,

क्योंकि इस अकेलेपन में तो बस सिर्फ उसकी(फ्रेंड्स)याद आती हैं।

मैं अकेलेपन में खुद को तुमसे छिपाते जा रहे हूँ,

अपनी ही नजरों में खुद को गिराते जा रहा हूँ।

वो अकेला चाँद है आसमा मे जो तेरी तरह हजारो मे,

मगर वो चाँद अकेला है मेरी तरह उन सितारो मे।

ख़ुद में ख़ुद का वजूद ढूंढता हूँ मैं,

भीड़ में भी तन्हा समझता हूँ खुद को मैं।

बस एक तेरी (फ्रेंड्स) कमी कुछ ऐसी है ज़िन्दगी में,

अब सब कुछ पाकर भी बदनसीब समझता हूँ खुद को मैं 


अगर अच्छी लगी हो like कर दीजिएगा जनाब वरना हम तो है हि अकेले और अकेले ही रह लेंगे। पोस्ट अच्छी लगी हो तो इससे अपने friend को भी जरूर send करना।

Written by Sudhanshu Kumar sah 

(Source :-internet)

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