अभी कुछ ही तो दिन हुए थे न अम्मी कोख से तेरी निकले मुझे,
एक पल भी तुझसे दूर न रह पाती,ये तो पता ही है तुझे...
आदर करना सिखाया था तूने,
कोई प्यार करे तो प्यार से मुस्काना भी बताया था तूने ....
बात ही तो मानी थी न मैंने तेरी,
अम्मी बता ना क्या गलती थी मेरी?
गोद में उठाकर ले जाने लगे वो मुझे,
थोड़ा डराने भी लगे कि कुछ न बताऊँ मैं तुझे...
शहर से कहीं वो मुझे दूर ले गए,
तू मिलेगी मुझे वहाँ,ये बहाना कर मेरे बचपन का हस्ता वो नूर ले गए...
बात ही तो मानी थी न मैंने तेरी,
अम्मी बता ना क्या गलती थी मेरी?
मैं तो नहीं रही और न रहा मेरा बचपन,
न सहे ये दर्द कोई और,
महफूज़ रहे हर लड़की,तभी शायद शांत होगा मेरा ये मन ।
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